जयपुर आमेर दुर्ग के महत्वपूर्ण मंदिर व महलों के बारे में जानें।
• निर्माण - मानसिंह प्रथम द्वारा।
• स्थिति - आमेर, जयपुर।
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• प्रमुख मंदिर - शिला माता मंदिर, जगत शिरोमणि, मंदिर सुहागन, सुख मंदिर महल, यश मंदिर महल।
• सौभाग्य (सुहाग) मंदिर:- आयताकार महल, जो रानियां के मनोविनोद तथा हास्य परिहास का स्थान था। इसके किवाड़ चंदन के बने हुए हैं।
• प्रमुख दर्शनीय स्थल - शीश महल, दीवाने आम, दीवाने खास, दिलखुश महल, 24 रानियों का महल, बुखारा गार्डन, मावठा तालाब एवं दिलाराम का बाग बालाबाई (महाराजा पृथ्वीराज की रानी) की साल।
• अमेर में सबसे पुराना महल कदमी महल है जिसका निर्माण 1237 में राजदेव द्वारा करवाया गया था।
• कमानी महल में आमेर के शासको के राजतिलक होते थे।
• विशेष - हिंदू मुस्लिम शैली में बना दुर्ग।
• मुगल बादशाह मुअज्जम (बहादुरशाह) ने 1707 ईस्वी में आमेर दुर्ग पर अधिकार कर उसका नाम मोमीनाबाद रखा था।
• बिशप हेबर ने कहा "मैने कैमलिन में जो देखा, अलब्रह्मा के बारे में जो सुन कुछ सुना उससे भी बढ़कर यह दुर्ग है।
• प्रवेश द्वार - जयपोल, सूरजपोल, गणेश पोल (मुख्य द्वार) सिंहपाल, चांदपोल।
• शिलामाता मंदिर - जलेब चौक में (16वीं सादी में मानसिंह प्रथम द्वारा बंगाल के शासक केदार को हराकर इसकी प्रतिमा आमेर लयी गई)
• राजस्थान का पहला किला जहां रात्रिकालीन पर्यटन (नाइट टूरिज्म) प्रारंभ किया गया।
• सर्वाधिक विदेशी पर्यटकों वाला किला।
• गणेश पोल - आमेर दुर्ग का गणेश पोल दुनिया का सर्वोत्तम सुंदर दरवाजा है।
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